Friday, April 18, 2025
spot_img
spot_img

जमरानी बांध परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट की आर्थिक मामलों की कमेटी ने अपनी मंजूरी ।

More articles

Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि जमरानी बांध परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट की आर्थिक मामलों की कमेटी ने अपनी मंजूरी दे दी। है। इस महत्वपूर्ण योजना को मंजूरी प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बांध परियोजना के निर्माण से हल्द्वानी व आसपास के क्षेत्र में पेयजल एवं सिंचाई की समस्या का हल होगा तथा विद्युत उत्पादन भी होगा ।उत्तराखण्ड के जनपद नैनीताल में काठगोदाम से 10 कि०मी० अपस्ट्रीम में गौला नदी पर जमरानी बांध (150.60 मी0 ऊंचाई) का निर्माण प्रस्तावित है। परियोजना से लगभग 1,50,000 हेक्टेयर कृषि योग्य क्षेत्र सिंचाई सुविधा से लाभान्वित होगा, साथ ही हल्द्वानी शहर को वार्षिक 42 एमसीएम पेयजल उपलब्ध कराए जाने तथा 63 मिलियन यूनिट जल विद्युत उत्पादन का प्रावधान है। वर्ष 1975 से वित्त पोषण के अभाव में परियोजना का निर्माण प्रारम्भ नहीं हो सका था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वृहद एवं मध्यम ) के अन्तर्गत जमरानी बांध परियोजना के वित्त पोषण हेतु निवेश स्वीकृति एवं जल शक्ति मंत्रालय की स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। भारत सरकार द्वारा रू0 1730.20 करोड़ की स्वीकृति पी०एम०के०एस०वाई० में 90 प्रतिशत ( केन्द्रांश), उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश का संयुक्त रूप से 05-05 प्रतिशत ( राज्यांश) के अन्तर्गत प्रदान किया जाना प्रस्तावित है। जमरानी बांध परियोजना से प्रभावित 351.55 हेक्टेयर वन भूमि सिंचाई विभाग को हस्तांतरित करने हेतु वन भूमि (स्टेज-2 )अंतिम स्वीकृति पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा माह जनवरी 2023 में प्रदान कर दी गयी है। इससे प्रस्तावित बांध निर्माण की राह और आसान होगी तथा परियोजना प्रभावित परिवारों के विस्थापन हेतु प्राग फार्म की प्रस्तावित 300.5 एकड भूमि का प्रस्ताव दिनांक 18 मई 2023 को उत्तराखण्ड सरकार की कैबिनेट में पारित किया जा चुका है। उपरोक्त प्रस्तावित भूमि को शीघ्र ही सिंचाई विभाग को हस्तांतरित किये जाने के लिए भी कार्यवाही गतिमान है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लखवाड़ प्रोजेक्ट से भी उत्तराखंड के साथ ही हिमाचल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा को पानी का लाभ मिलेगा। सभी राज्यों के मुख्यमंत्री इसकी अंतिम मंजूरी दे चुके हैं। लखवाड़ परियोजना के तहत उत्तराखंड देहरादून जिले के लोहारी गांव के पास यमुना नदी पर 204 मीटर ऊंचा कंक्रीट का बांध बनेगा। बांध की जल संग्रहण क्षमता 330.66 एमसीएम होगी। इससे 33,780 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी। इसके साथ ही इससे यमुना बेसिन क्षेत्र वाले छह राज्यों में घरेलू तथा औद्योगिक इस्तेमाल और पीने के लिए 78.83 एमसीएम पानी उपलब्ध होगा। प्रोजेक्ट के तहत संग्रहित जल का बंटवारा यमुना के बेसिन क्षेत्र वाले छह राज्यों के बीच 12 मई 1994 को किये गये समझौते के अनुरूप होगा। इस प्रोजेक्ट से पैदा होने वाली बिजली पर सिर्फ उत्तराखंड का हक होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वरोजगार के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में वृद्धि के लिए उत्तराखंड में ’’ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’’ का आयोजन किया जा रहा है। देश और विदेशों हुए रोड शो में अब तक 65 हजार करोड़ के एमओयू साइन भी किए जा चुके हैं। लंदन, बर्मिघम, दुबई, अबु धाबी में इंटरनेशनल रोड शो किए हैं। इसके अलावा दिल्ली, चेन्नई रोड शो आयोजित किए जा चुके हैं।

इस अवसर पर विधायक श्री सुरेश चौहान, श्रीमती सरिता आर्य, अध्यक्ष कृषि उत्पादन एवं विपणन बोर्ड (मंडी) श्री अनिल डब्बू, सचिव श्री आर मीनाक्षी सुन्दरम, सूचना महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।

-Advertisement-

Download Appspot_img
spot_img
spot_img
error: Content is protected !!