उत्तरकाशी की घटना नवजात शिशु को कोख में ही मार दिया , पुरोला , अस्पताल में डॉक्टर की बड़ी चूक ‘ एवं दिनांक 01 अगस्त 2022 नौगांव , उत्तरकाशी की घटना ‘ एक और बच्ची और प्रसूता दोनों ने ही खोई अपनी जान , कौन लेगा सुद का वीडियो फेसबुक , सोशियल साईट पर वायरल हो रहा है । उक्त मामलो में उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष महोदया श्रीमती कण्डवाल जी ने फेसबुक सोशियल साईट व विभिन्न दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के सम्बन्ध में उपरोक्त प्रकरण पर संज्ञान लिया गया है । उन्होंने तत्काल जिलाधिकारी उत्तरकाशी को पत्र लिख कर व मामलो में जांच व कार्यवाही के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उपरोक्त दोनों ही घटनायें शर्मनाक हैं एवं अस्पताल के चिकित्साधिकारियों / कर्मचारियों द्वारा गर्भवती महिलाओं के प्रति घोर लापरवाही को दर्शाती हैं , जो अत्यन्त चिन्ता का विषय है । उनके द्वारा डीएम को कहा गया कि निम्न प्रकरणों पर तत्काल संज्ञान लेते हुए पीड़िता के परिवार के साथ व्यक्तिगत रूप से सम्पर्क कर एवं प्रकरण पर त्वरित जाँच / कार्यवाही करते हुए आयोग को अवगत करवाने का कष्ट करें । आयोग द्वारा निम्न पत्र की प्रति मुख्य चिकित्सा अधिकारी , उत्तरकाशी को भी आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित की गई थी। उक्त प्रकरण में जिलाधिकारी द्वारा निम्न रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। जो की जिलाधिकारी को मुख्यचिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रस्तुत की गई है
उपरोक्त विषयक आपको अवगत कराना है कि दिनांक 02.08.2022 वाले प्रकरण में श्रीमती ललिता पत्नी श्री मनोज ग्राम सरनौल हाल निवास कन्डियाल गांव पुरोला ( गायके ) सामु ० स्वा ० केन्द्र नौगांव में प्रातः गर्भवती हुई । महोदय अवगत कराना है कि उक्त महिला कि आर ० सी ० एच ० आई ० डी ० 105002088609 है जिसका पंजीकरण दिनांक 24.02.2022 को हुआ था . यह इनका यह दूसरा बच्चा था पहला बच्चा ऑपरेशन से एक वर्ष पहले हुआ था , उनकी एल ० एम ० पी ० 28.11.2021 ई ० डी ० डी ० ( सम्भावित प्रसव तिथी ) 04.09.2022 थी . टी ० टी ० बुस्टर दिनांक 24.02.2022 को श्रीमती जयशीला ए ० एन ० एम ० व श्रीमती सुचिता आशा द्वारा लगाया गया था व दिनांक 14.062022 को सामु ० स्वा ० केन्द्र नौगांव में अल्ट्रासाउण्ड किया गया था व दूसरा अल्ट्रासाउण्ड सागु ० स्वा ० केन्द्र पुरोला में कराया गया था , डा ० आर ० सी ० आर्या रेडियोलॉजिस्ट द्वारा उन्हें देहरादून में डिलीवरी कराने हेतु सुझाव दिया गया क्योकि पहले व दूसरे बच्चे में एक वर्ष का अन्तराल था जिसमें बच्चे दानी के ऑपरेसान का घाव अच्छी तरह नह भरता है , अर्थात कमजोर रहता है । ए ० एन ० सी ० जांच के समय गर्भवती की उम्र 28 वर्ष वजन 50 किलो बी ० पी ० 110/70 व एच ० बी ० 09 ग्राम था । महोदय उक्त गर्भवती पुरोला से हायर सेन्टर हेतु रेफर हुई थी उक्त गर्भवती के परिवारजनों द्वारा महिला को करीब 4.25 बजे प्रातः सामु ० स्वा ० केन्द्र स्वयं के वाहन से लाया गया और डयुटी पर तैनात आपातकालीन चिकित्सा अधिकारी डा ० प्रतिष्ठा व स्टॉफ नर्स श्रीमती पूनम द्वारा गर्भवती को देखने के बाद मुझे तुरन्त फोन से सूचित किया गया कि गर्भवती की तबियत ज्यादा खराब है । उसके बाद मेरे एवं डा ० सूचि पूनम द्वारा चेक करने पर महिला कि स्थिती बहुत नाजुक पाई गई , उनकी पल्स व बी ० पी ० नहीं मिल रही थी वा शॉक में थी । पेट की जांच करने पर बच्चे दानी के फटने की संभावना लग रही थी , क्योकि गर्भाशय स्पर्श से पता नहीं चल रहा था बच्चे के अंग पेट के स्पर्श से अच्छी तरह महसूस किये जा सकते थे , क्योकि पेट और बच्चे के बीच बच्चेदानी की दीवार नही थी । जीवन रक्षक सभी दवा दी जा चुकी थी व तब तक 108 को भी फोन किया जा चुका था बाहर कोई रक्त श्राव नहीं हो रहा था । 4 . 40 बजे प्रातः पुतलियां फैल गई थी ( Pupil Reaction ) लगभग 4.50 बजे प्रातः महिला को मृत घोषित कर दिया गया । पुलिस सुचना 4.40 बजे प्रातः ही दी जा चुकी थी , पंचनामा तैयार होने पर 8.30 बजे प्रातः पोस्ट मार्टम किया गया । पोस्ट मार्टम में बच्चेदानी उसी पुराने घाव पर से फटी थी जिसके अन्दर प्लेसेन्टा ( नाल ) था , जोकि बच्चेदानी से अलग हो चुका था । बच्चा बच्चेदानी से बाहर खून में तैर रहा था ।
इससे पूर्व 28 जुलाई वाले मामले में भी अध्यक्ष महोदया ने डीएम से जांच व रिपोर्ट को प्रस्तुत करने लिए कहा है ।