Sunday, April 20, 2025
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सचिवालय में कार्यरत समीक्षा अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया गया।

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

सचिवालय में कार्यरत समीक्षा अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया गया। मामला सोमवार का बताया जा रहा है। आरोपी सिचांई विभाग में समीक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत है।सचिवालय गेट के बाहर से आरोपी कमलेश्वर प्रसाद थपलियाल को 75 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा। उसके खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। समीक्षाअधिकारी ने हाइकोर्ट के आदेशों के विरुद्ध एसएलपी सर्वोच्च न्यायालय में दाख़िल न करने के लिए रिश्वत मांगी थी। आरोपी समीक्षा अधिकारी के खिलाफ सर्तकर्ता सेक्टर में मुकदमा दर्ज किया गया है।

विजिलेंस सैक्टर विजिलेंस सेक्टर देहरादून से मिला जानकारी के अनुसार पकड़े गए समीक्षा अधिकारी ने अपने ही विभाग के एक रिटायर्ड जेई महेश चंद्र अग्रवाल से यह रिश्वत मांगी थी। बताया जा रहा है कि सिंचाई विभाग से रिटायर्ड हुए एक जेई के ग्रेच्युटी व फंड का भुगतान नही हुआ था और इसी लंबित भुगतान के लिए आरोपी ने 1 लाख रूपये की मांग की। बाद में 75 हजार रूपये में मामला तय हुआ।रिटायर्ड जेई महेश चंद्र अग्रवाल के बेटे कृष्ण चंद्र अग्रवाल ने इसकी शिकायत विजिलेंस को की। विजिलेंस टीम ने सोमवार की शाम को समीक्षा अधिकारी कमलेश थपलियाल को 75 हजार रूपये लेते रंगे हाथों सचिवालय गेट पर पकड़ लिया।

एसपी विजिलेंस धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया कि कृष्ण चंद्र अग्रवाल ने शिकायत दी कि उनके पिता महेश चंद्र अग्रवाल अग्रवाल अग्रवाल ने सिचांई विभाग की मनेरी भाली परियोजना परियोजना से जूनियर अभियंता के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। शिकायत में कहा गया था कि स्टोर से संबंधित कई वस्तुओं में कमी के कारण, उनकी ग्रेज्युटी रोक दी गई। इसके बाद उनके पिता ने मामले में, ट्रिब्यूनल कोर्ट में में एक याचिका दायर की। ट्रिब्यूनल ने रिटायर्ड जेई महेश चंद्र अग्रवाल के पक्ष में फैसला ​दिया। इस निर्णय के खिलाफ सिंचाई विभाग की ओर से उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गयी।

इस याचिका में भी हाईकोर्ट रिटायर्ड जेई महेश चंद्र अग्रवाल के पक्ष में फैसला सुनाया गया था। गया। उच्च न्यायालय ने शिकायतकर्ता को देय धनराशि जल्द दिए जाने का फैसला सुनाया था। बाद में समीक्षा अधिकारी ने एसएलपी दायर न किए जाने के लिए रिश्वत मांगी। जिसके बाद रिटायर्ड जेई के पुत्र ने विजिलेंस में 25 फरवरी को इसकी शिकाकत की और विजिलेंस की टीम ने शनिवार को समीक्षा अधिकारी को रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया।

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