Thursday, June 5, 2025
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सेतु आयोग ने किया नीति आयोग के स्टेट सपोर्ट मिशन के तहत क्षेत्रीय सम्मेलन का सफल आयोजन

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

सेतु आयोग ने देहरादून में नीति आयोग के स्टेट सपोर्ट मिशन (SSM) के तहत एक क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। इसमें देश के 10 राज्यों के संस्थागत प्रतिनिधि और राज्य योजना/परिवर्तन आयोग के अधिकारी शामिल हुए। इस सम्मेलन में नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य परिवर्तन संस्थानों के प्रतिनिधि, विषय विशेषज्ञ और अन्य महत्वपूर्ण लोग मौजूद रहे। इस मौके पर राज्यों में जमीनी स्तर पर असर दिखाने वाली नीतियों और नए-नए विचारों को बढ़ावा देने के लिए चर्चा की गई, ताकि सरकार की योजनाओं को और बेहतर तरीके से लागू किया जा सके।

सम्मेलन में मुख्य अतिथि डॉ. विजय सारस्वत ने कहा कि ‘विकसित भारत’ का सपना, “विकसित राज्यों” से ही शुरू होता है। उन्होंने बताया कि राज्यों की नीतियों का उनके अपने हालात और जरूरतों के हिसाब से बनना बहुत जरूरी है, ताकि हर किसी का विकास हो सके।

उन्होंने यह भी कहा कि कई राज्यों में संसाधनों की कमी एक बड़ी चुनौती है, और स्टेट सपोर्ट मिशन (SSM) का उद्देश्य इन्हीं चुनौतियों को दूर करना है, ताकि राज्य अपने स्तर पर मजबूत बन सकें और बेहतर फैसले ले सकें। उन्होंने तथ्यों पर आधारित नीति बनाने और उसे सही तरीके से लागू करने की जरूरत पर भी जोर दिया।

उपाध्यक्ष सेतु आयोग राज शेखर जोशी ने राज्यों की विकास रणनीतियों और प्रधानमंत्री के “विकसित भारत 2047” के विजन के तहत राज्यों की GDP बढ़ाने के लिए कौशल विकास की अहमियत बताई। उन्होंने आपसी सहयोग, तकनीक, सरकारी योजनाओं के अच्छे क्रियान्वयन और लगातार निगरानी की जरूरत पर भी जोर दिया।

मुख्य सचिव श्री आनंद बर्धन ने विकसित और सशक्त उत्तराखंड के विजन को हासिल करने के लिए डेटा आधारित जिला योजना की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने सेतु आयोग से अनुरोध किया कि वह इस पहल को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाए। यह सम्मेलन “विकसित भारत” के लक्ष्य की दिशा में एक अहम कदम है, जिसमें राज्यों को मजबूत बनाना, नए-नए विचारों को अपनाना और सरकारी योजनाओं की डिलीवरी को बेहतर बनाना मुख्य उद्देश्य रहा। केंद्र लगातार राज्यों को सलाह दे रहे हैं कि वे अपने यहां नीति आयोग जैसी संस्थाएं बनाएं, ताकि योजना आयोग की जगह ये नई संस्थाएं ले सकें।

कार्यक्रम की शुरुआत सेतु आयोग के स्वागत भाषण से हुई, उसके बाद नीति आयोग और उत्तराखंड सरकार के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे। सम्मेलन में बेहतर गवर्नेंस, डेटा पर आधारित फैसले, डिजिटल बदलाव और कल्याणकारी योजनाओं के बेहतर समन्वय पर तकनीकी सत्र हुए। अलग-अलग राज्यों के SIT अधिकारियों के बीच बातचीत से साझा समस्याओं के समाधान और मिलजुल कर सोचने का मौका मिला। चर्चा के दौरान संस्थाओं को मजबूत करने और लोगों की क्षमता बढ़ाने के लिए आपस में जानकारी बांटने के तरीके तय किए गए। आगे बढ़े हुए राज्यों के अच्छे उदाहरणों से बाकी राज्यों को भी नए तरीके अपनाने में मदद मिलेगी। जमीन पर असर लाने वाली नीतियों को लागू करने के लिए ठोस एक्शन पॉइंट्स भी तय किए गए। यह सब प्रधानमंत्री के “विकसित भारत 2047” के सपने को साकार करने की दिशा में राज्यों की सक्रिय भागीदारी को मजबूत करने के लिए किया गया है।

सेतु आयोग, उत्तराखंड का एक उभरता हुआ प्रमुख नीति अनुसंधान संस्थान (थिंक टैंक) है, जो राज्य के समग्र विकास के लिए कई क्षेत्रों में काम कर रहा है। आयोग का मुख्य उद्देश्य है- नीति और ज़मीनी हकीकत के बीच की दूरी को पाटना, नवाचार और रिसर्च को बढ़ावा देना और सभी हितधारकों के बीच बेहतर तालमेल बनाना। आयोग ने कृषि सप्लाई चेन, किसान सलाह, बकरी पालन में नई तकनीक, महिला सशक्तिकरण, इलेक्ट्रिक वाहन नीति, आईटी इंडस्ट्री नीति, स्टार्टअप्स को बढ़ावा, कौशल विकास, शहरी प्रशासन और उच्च शिक्षा जैसे कई क्षेत्रों में काम शुरू किया है। सेतु आयोग का यह प्रयास राज्य में भागीदारी, नवाचार और असरदार नीति लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। सम्मेलन में मुख्य कार्यकारी अधिकारी शत्रुघन सिंह समेत कई गणमान्य लोग शामिल हुए।

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