Wednesday, July 16, 2025
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ऋण वितरण के प्रोसेस को जितना सरल किया जाएगा उतने अधिक लोग विभागीय योजनाओं का लाभ उठा पाएंगे।

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

मुख्य सचिव डॉ.एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में सहकारिता विभाग की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को ऋण वितरण सिस्टम के सरलीकरण पर ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऋण वितरण के प्रोसेस को जितना सरल किया जाएगा उतने अधिक लोग विभागीय योजनाओं का लाभ उठा पाएंगे।

मुख्य सचिव ने पर्वतीय क्षेत्रों में फूड प्रोसेसिंग पर विशेष ध्यान दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्राईवेट सेक्टर के साथ मिलकर पर्वतीय क्षेत्रों में छोटी-छोटी पैकेजिंग यूनिट लगाकर पर्वतीय स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने इस दिशा में अगले 3 से 5 सालों का रोडमैप तैयार कर प्रस्तुतिकरण दिए जाने की बात भी कही। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 4 जनपदों में संचालित मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना को प्रदेशभर में शुरू करने के निर्देश देते हुए मुख्य सचिव ने साइलेज की मांग के अनुसार पूर्ति सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सभी हितधारकों के साथ बैठकें आयोजित कर अल्पकालीन और दीर्घकालीन योजनाएं तैयार की जाएं। साथ ही, इस दिशा में और क्या किया जा सकता है इस पर प्रस्तुतिकरण दिए जाने की भी बात कही।

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में बंजर पड़ी भूमि क्लस्टर आधारित खेती महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि बंजर भूमियों को आबाद करने से एक ओर जहाँ उत्पादन बढ़ेगा, वहीं रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। यह पलायन रोकने में भी मददगार साबित होगा। ऐसी फसलों पर भी फोकस किया जाए जिन्हें जंगली जानवर, बंदर-सुअर आदि नुकसान नहीं पहुंचाते। मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री मोटर साइकिल टैक्सी योजना में मोटरसाईकिल क्रय की सीमा को 1 से बढ़ाकर 5 या 10 किए जाने की बात भी कही।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि आमजन को योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिए एमपैक्सों का कम्प्यूटरीकरण शीघ्र से शीघ्र किया जाए। साथ ही, दिसम्बर माह से जनपद स्तरीय कार्यालयों सहित पूरे प्रदेश में ई-ऑफिस व्यवस्था शुरू की जाए। उन्होंने विभाग को एनुअल वर्क कैलेन्डर तैयार कर उसके अनुसार सभी प्रकार की गतिविधियां निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत पूर्ण किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजनाओं के लिए फंड्स की व्यवस्था करते समय इस बात पर भी गौर किया जाना चाहिए कि इस योजना के लिए सबसे सस्ते में कहाँ से ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे में डवटेलिंग (Dovetailing) कर योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाया जा सकता है। उन्होंने नाबार्ड द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे अवसंरचनात्मक विकास हेतु सस्ते ऋण का भरपूर उपयोग किए जाने की बात भी कही।

इस अवसर पर सचिव श्री वी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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