Wednesday, September 3, 2025
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img

देहरादून के गांधी शताब्दी जिला चिकित्सालय में राज्य का प्रथम जिला दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र (डीडीआरसी) का बुधवार को विधिवत शुभारंभ हो गया है।

More articles

Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

देहरादून के गांधी शताब्दी जिला चिकित्सालय में राज्य का प्रथम जिला दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र (डीडीआरसी) का बुधवार को विधिवत शुभारंभ हो गया है। इसमें दिव्यांगजनों को फिजियोथेरेपी, मनोवैज्ञानिक सलाह, दिव्यांग प्रमाण पत्र और कृत्रिम अंग प्राप्त करने जैसी सभी सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध हो गई है।

गांधी शताब्दी जिला चिकित्सालय में बुधवार को राजपुर विधायक खजान दास की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महापौर सौरभ थपलियाल, विशिष्ट अतिथि देहरादून पार्षद सुनीता मंजखोला, जिलाधिकारी सविन बंसल और मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने जिला दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र का विधिवत उद्घाटन किया।

मुख्य अतिथि महापौर सौरभ थपलियाल ने जिला प्रशासन के अभिनव प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सशक्त समाज के निर्माण में देहरादून में स्थापित उत्तराखंड का पहला आधुनिक जिला दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र एक मील का पत्थर साबित होगा। जहां दिव्यांगजनों को सभी जरूरी सेवाएं एक साथ मिलेगी और उनका जीवन आसान और समृद्ध होगा और सशक्त दिव्यांग सशक्त समाज की अवधारणा पूरी होगी। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को उचित उपचार मिलने से उनकी दिव्यांगता भी दूर हो रही है। इस दौरान मुख्य अतिथि ने डीडीआरसी के हेल्पलाइन नंबर 8077386815 का अनावरण किया। दिव्यांग अनिल कुमार ढौंडियाल और नीरज बिष्ट को कान की मशीन प्रदान की। वहीं विभिन्न शैक्षिक संस्थानों में दिव्यांगजनों की आर्ट प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले दिव्यांग छात्रों को पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया।

कार्यक्रम के अध्यक्ष विधायक खजान दास ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री ने शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को दिव्यांग नाम देकर दिव्यांगजनों को समाज में एक गरिमा प्रदान की है। वहीं देहरादून जिला प्रशासन ने दिव्यांगों के जीवन को आसान, सरल और आत्म गौरवपूर्ण बनाने के लिए राज्य का प्रथम जिला दिव्यांग एवं पुनर्वास केंद्र को स्थापित कर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के संकल्प को आगे बढ़ाने में इस प्रशंसनीय कार्य को अंजाम दिया है। उन्होंने जिला नेत्र चिकित्सालय के खाली पडे इस भवन का सदुपयोग करने के लिए भी सराहना की। कहा कि आने वाले समय में इस केंद्र में दिव्यांगजनों को सभी आधुनिक सुविधाएं मुहैया होंगी।

जिलाधिकारी सविन बंसल ने समाज में करीब 20 प्रतिशत आबादी किसी न किसी रूप में दिव्यांगता से प्रभावित है, जो कि एक बडी संख्या है। ऐसे में दिव्यांगजनों के जीवन को सरल बनाना, उन्हें सभी सुविधाएं मुहैया करना हमारा दायित्व है। दिव्यांगजनों को एक प्लेटफार्म पर एकीकृत रूप में सारी सुविधाएं मिले, इस दिशा में दिव्यांगजनों के लिए डेडिकेटेड सेंटर जिला चिकित्सालय में खोला गया ळें यहां पर दिव्यांगजनों को प्रमाण पत्र, यूडीआईडी कार्ड, आधार कार्ड, फिजियोथेरेपी, मनोवैज्ञानिक सलाह, इलाज और कृत्रिम उपकरण के साथ ही   रोजगार प्रशिक्षण जैसी तमाम सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिलेगी। जिलाधिकारी ने कहा कि दिव्यांगजनों को केंद्र तक आने जाने के लिए स्पेशल डेडिकेटेड वाहन भी तैनात किया गया है।

मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए आश्वस्त किया कि पुनर्वास केंद्र को और बेहतर बनाने के लिए जो भी सुझाव मिलेगे उन पर प्रभावी तरीके से अमल किया जाएगा।

कार्यक्रम के उपरांत मुख्य अतिथि महापौर सौरथ थपलियाल, विधायक खजान दास एवं विशिष्ट अतिथि पार्षद सुनीता मंजखोला ने जिला प्रशासन के साथ जिला दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र में वाक चिकित्सा कक्ष, स्पीच थेरेपी, अर्ली इंटरवेंशन रूम, फिजियोथेरेपी कक्ष सहित विभिन्न व्यवस्थाओं का निरीक्षण भी किया।

उद्घाटन समारोह के दौरान जिलाधिकारी सविन बंसल, मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज कुमार शर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर ढौंडियाल आदि सहित दिव्यांग एवं उनके परिजन मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन नोडल एजेंसी डीडीआरसी देहरादून मुनीशाभा सेवा सदन एवं पुनर्वास संस्थान के सचिव अनंत मेहरा द्वारा किया।

एकीकृत सेवाएं एक छत के नीचे
गांधी शताब्दी जिला चिकित्सालय में संचालित डीडीआरसी केंद्र दिव्यांगजनों को न सिर्फ प्रमाणन, बल्कि कृत्रिम अंग, श्रवण यंत्र, उपकरण वितरण, फिजियोथेरेपी, मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक परामर्श जैसी सभी सेवाएं एक ही छत के नीचे देगा। समाज कल्याण विभाग निगरानी में नोडल एजेंसी डीडीआरसी देहरादून मुनीशाभा सेवा सदन एवं पुनर्वास संस्थान द्वारा इसका संचालन किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की समावेशी और सुलभ सेवा नीति को धरातल पर उतारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। केंद्र का संचालन भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा किया जाता है। संचालन हेतु 14 पद स्वीकृत हैं, जिनका वेतन समाज कल्याण विभाग द्वारा वहन किया जाता है।

डीडीआरसी के प्रमुख कार्य और सेवाएं
जिला दिव्यांगजन पुनर्वास केंद्र का उद्देश्य दिव्यांगजनों को समुचित पुनर्वास सेवाएं प्रदान कर उन्हें समाज की मुख्यधारा में सम्मिलित करना है। केंद्र में पंजीकरण के बाद दिव्यांगजनों को चिकित्सकीय, सामाजिक, शैक्षिक एवं मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन के आधार पर उचित परामर्श और सेवाएं प्रदान की जाती हैं। आवश्यकता अनुसार उन्हें सहायक उपकरण जैसे व्हीलचेयर, ट्राईसाइकिल, श्रवण यंत्र आदि भी वितरित किए जाते हैं। इसके साथ ही कौशल विकास प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जाता है और स्वरोजगार योजनाओं से जोड़ा जाता है। केंद्र विशेष शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और पुनर्वास सेवाएं उपलब्ध कराता है ताकि दिव्यांगजन शिक्षा या रोजगार के अवसरों से वंचित न रहें। समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रचार-प्रसार गतिविधियां चलाई जाती हैं, जिससे दिव्यांगजनों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित हो सके। इसके अतिरिक्त, उन्हें सरकारी योजनाओं जैसे यूडीआईडी कार्ड, पेंशन, छात्रवृत्ति आदि से भी जोड़ा जाता है। केंद्र की विशेषता इसकी बहु-विषयी (मल्टी-डिसिप्लिनरी) टीम होती है जिसमें फिजियोथेरेपिस्ट, स्पीच थेरेपिस्ट, ऑक्युपेशनल थेरेपिस्ट और काउंसलर जैसे विशेषज्ञ सम्मिलित होते हैं, जो दिव्यांगजनों के लिए समग्र पुनर्वास सुनिश्चित करते हैं।

 

-Advertisement-spot_img

-Advertisement-

Download Appspot_img
spot_img
spot_img
error: Content is protected !!