Sunday, April 20, 2025
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जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की जिला समन्वय समिति की जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित आयोजित

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Vijaya Dimri
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Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अंतर्गत जनपद में दिनांक 22 अगस्त, 2023 को 01 से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को कृमि नाशक दवा एल्बेंडाजोल खिलाने एवं मातृ मृत्यु को लेकर चर्चा/समीक्षा की गई।
जिला सभागार नई टिहरी में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी द्वारा संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि सभी स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्रों एवं अन्य शिक्षण संस्थानों में बच्चों को कृमि नाशक दवा एल्बेंडाजोल खिलाकर शतप्रतिशत लक्ष्य हासिल करना सुनिश्चित करें। सभी एमओआईसी को इसकी रैंडमली चेकिंग करने के निर्देश दिए गए। सभी अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि ‘सरकार जनता के द्वार‘ कार्यक्रम के दौरान भी एनीमिया मुक्त भारत के तहत आयरन और फॉलिक एसिड की टैबलेट तथा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अंतर्गत कृमि नाशक दवा एल्बेंडाजोल खिलाये जाने को लेकर रिपोेर्टिंग करना सुनिश्चित करें। सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय से कार्य कर कार्यक्रम को सफल बनाने के निर्देश दिये गये।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी मनु जैन ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को सफल बनाने हेतु दिनांक 22 अगस्त 2023 को जनपद में 01 लाख 78 हजार बच्चों को कृमि नाशक दवा एल्बेंडाजोल खिलाने का लक्ष्य तय किया गया है, जिसके तहत 01 से 19 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को स्कूल व आंगनवाड़ी केंद्रों एवं अन्य शिक्षण संस्थानों में कृमि नाशक दवा एल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी तथा 22 अगस्त को किसी कारण दवा खाने से छूट गए बच्चों को 29 अगस्त 2023 को मॉप अप राउंड में दवा खिलाई जाएगी। कहा कि 01 से 02 वर्ष के बच्चों को चूरा बना कर आधा गोली तथा 03 से 19 वर्ष तक के बच्चों को 01 गोली चबाकर खाने को दी जायेगी। उन्होंने बताया कि कृमि संक्रमण बच्चों में विभिन्न कारकों के कारण हो सकता है, निमें व्यक्तिगत स्वच्छता की कम, कच्चा और दूषित भोजन, अधिक मिठाई और जंक फूड को सेवन आदि शामिल है और इसके लक्षण पेट में दर्द, दस्त, मतली या उल्टी, गैस/सूजन, थकान, बिना कारण वजट घटना, पेट में दर्द होता है। कहा कि परजीवी कीड़े लोगों के लिए खतरा है, कृमि संक्रमण बच्चों के जीवन की गुणवत्ता को कम कर सकता है, उनके शारीरिक विकास और मानसिक विकास को अवरूद्ध कर सकता है।
मातृ मृत्यु की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने तीसरी डिलीवरी वाली गर्भवती महिलाओं को ज्यादा जोखिम में रखते हुए निरन्तर उनकी निगरानी, काउंसलिंग एवं देखभाल करने के सख्त निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिये। सभी एमओआईसी को अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत उपजिलाधिकारी, बीडीओ, बीईओ, सीडीपीओ के साथ बैठक कर माँ एवं शिशु के स्वास्थ्य की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये। जिलाधिकारी ने कहा कि आशाएं गर्भवती महिलाओं की काउंसलिंग उनके जोड़े के साथ करें और कार्रवाई की साप्ताहिक रिर्पोट प्रत्येक सोमवार को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। कहा कि गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों का जीवन बचाना पहली प्राथमिकता रहे, इसके लिए हर सम्भव प्रयास किये जायें, कहीं भी कोई भी लापरवाही न हो, अन्यथा सम्बन्धित के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।
बैठक में सीडीओ मनीष कुमार, प्रशिक्षु आईएएस आसीमा गोयल, सीएमएस अमित राय, डीईओ माध्यमिक उमा पंवार, डीईओ बेसिक वी.के.ढौंडियाल, डीपीओ शोहैब हुसैन, एटीओ अरविन्द चौहान, एडीआईओ सूचना भजनी, सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे।

 

 

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