Tuesday, August 26, 2025
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मा0 मुख्य सूचना आयुक्त श्री अनिल चन्द्र पुनेठा जी की अध्यक्षता में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 से संबंधित महत्वपूर्ण विषय पर एक बैठक नगर पालिका परिषद विकासनगर के सभागार में आहूत की गयी।

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Vijaya Dimri
Vijaya Dimrihttps://bit.ly/vijayadimri
Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

जी कीमा0 मुख्य सूचना आयुक्त श्री अनिल चन्द्र पुनेठा  अध्यक्षता में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 से संबंधित महत्वपूर्ण विषय पर एक बैठक नगर पालिका परिषद विकासनगर के सभागार में आहूत की गयी। बैठक में उपजिलाधिकारी विकासनगर एवं तहसील विकासनगर के क्षेत्रान्तर्गत पड़ने वाले समस्त शासकीय विभागों के लोक सूचना अधिकारियों एवं उनके प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। बैठक में मा0 मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा सर्वप्रथम सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के मुख्य प्राविधानों के संबंध में उपस्थित लोक सूचना अधिकारियों/अपीलीय अधिकारियों को जानकारी दी गई, तत्पश्चात सूचना के अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत प्राप्त प्रार्थना पत्रों/निस्तारित/लंबित प्रार्थना पत्रों/प्रथम विभागीय अपीलों की विभागवार समीक्षा की गई। समीक्षा बैठक के दौरान लोक सूचना अधिकारियों/अपील अधिकारियों द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के क्रियान्वयन के दौरान उठायी समस्याओं के सम्बन्ध में भी स्पष्टीकरण दिया गया। मा० मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के अन्तर्गत प्राप्त होने वाले पत्रों के निस्तारण के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों से भी अवगत कराया गया। इसके अतिरिक्त मा० मुख्य सूचना आयुक्त महोदय द्वारा समस्त विभागवार अधिकारियों को निम्न दिशा निर्देश दिये गये।

सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदन पत्रों के निस्तारण हेतु सूचना के अधिकार अधिनियम/ नियमावली का विशेष ध्यान रखते हुये तद्नुसार ही समयान्तर्गत आवेदनों का निस्तारण किया जाये। सूचना चाहने वाले व्यक्ति को वांछित सूचना समय से प्रदान करने के साथ ही उसकी सन्तुष्टि का भी विशेष ध्यान रखा जाये। आवश्यकता होने पर अनुरोधकर्ता को बुलाकर उसकी समस्या को सुना जाये। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 7 (1) में स्पष्ट रूप से प्राविधानित है कि सूचना अनुरोध पत्र प्राप्त होने के अधिकतम 30 दिन की अवधि के भीतर अनुरोधकर्ता को सूचना उपलब्ध करायी जानी चाहिये या धारा 8 और धारा 9 में विनिर्दिष्ट कारणों में से किसी कारण से अनुरोध को अस्वीकार किये जाने की सूचना दी जानी चाहिये, जो कि कतिपय लोक सूचना अधिकारियों के द्वारा नहीं किया जा रहा है। प्रथम अपील पर दिये गये निर्णय लिखित में जारी करने में यदि निर्धारित 30 दिन की अवधि से अधिक समय लगता है तो इस अतिरिक्त अवधि के लिये लिखित में आवश्यक रूप से कारण अभिलिखित किया जाना चाहिये तथा यह अतिरिक्त अवधि निर्धारित 30 दिन की अवधि सहित किसी भी दशा में कुल 45 दिन से अधिक नही होनी चाहिये। विगत दो वर्षों में कोरोना संक्रमण के कारण सूचना आवेदन पत्रों एवं प्रथम अपीलों के निस्तारण में कुछ शिथिलता आयी है तथा अब यह आवश्यक है कि लोक सूचना अधिकारियों तथा प्रथम अपीलीय अधिकारियों द्वारा अपने अन्य राजकीय दायित्वों के साथ-साथ सूचना का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत अपने दायित्वों का भली भाति निर्वहन किया जाये। उत्तराखण्ड शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी शासनादेश संख्या 231 @ XXXI5) 2016 G -07 रा०सू०आ०/ 2015 दिनांक 17.02.2015 के द्वारा प्रथम अपीलीय अधिकारियों द्वारा प्रथम अपीलों के निस्तारण की प्रक्रिया सम्बन्धी दिशा निर्देश दिये गये. जिसका अनुपालन किया जाये। लोक सूचना अधिकारियों द्वारा आवेदनकर्ताओं को सूचना प्रदान करने/अनुरोध अस्वीकार करने, अतिरिक्त शुल्क की मांग करने अथवा तृतीय पक्ष की सूचना को देने/अस्वीकार करने के सम्बन्ध में प्रेषित किये जाने वाले पत्रों में अतिरिक्त शुल्क की गणना के आधार/अनुरोध अस्वीकृति के विरूद्ध अपील करने के लिये विभागीय अपीलीय अधिकारी का नाम व पता वर्णित नहीं किये जाते हैं, जिसके अभाव में आवेदनकर्ताओं में भ्रम की स्थिति बनी रहती है, जिसका विशेष ध्यान रखा जाये। उक्त समीक्षा बैठक में तहसील विकासनगर क्षेत्रान्तर्गत पडने वाले शासकीय विभागों के कुल 50 लोक सूचना अधिकारी/अपीलीय अधिकारी उपस्थित थे।

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