मुख्यमन्त्री श्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद बैठक में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर भारतीय सेना, प्रधानमत्री श्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्रालय का अभिनंदन प्रस्ताव पारित किया गया।
मंत्रिपरिषद के प्रस्ताव में कहा गया है कि ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना के अदम्य साहस, पराक्रम और रणनीतिक कौशल की सफलता को दर्शाता है, यह सैन्य अभियान भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और आत्मबल का उदाहरण बनकर उभरा है।
मंत्रिपरिषद द्वारा विश्वास व्यक्त किया गया कि ऑपरेशन सिंदूर आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा जो भारत की सैन्य गौरवगाथा में स्वर्णिम अध्याय के रूप में अंकित होगा।
मंत्रिपरिषद के इस अभिनंदन प्रस्ताव को केन्द्र सरकार और रक्षा मंत्रालय को भेजा जाएगा ताकि उत्तराखण्ड राज्य की भावनाओं से उन्हें अवगत कराया जा सके।
01- उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लि० में सुधार हेतु मैकेंजी इंडिया द्वारा दिये गये सुझावों पर विभाग द्वारा प्रस्तुत कार्ययोजना को कैबिनेट द्वारा दी गई मंजूरी।
उत्तराखण्ड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की वित्तीय और परिचालन स्थिति में सुधार करने के लिए एक विस्तृत परिवर्तन योजना तैयार की गई है। इस योजना का उद्देश्य वितरण और ट्रांसमिशन नुकसान को कम करना, बिजली खरीद लागत को अनुकूलित करना और पूंजी निवेश के माध्यम से कंपनी के प्रदर्शन को मजबूत करना है। यह परिवर्तन योजना यू.पी.सी.एल. की आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करेगी और इसे एक कुशल और लाभकारी संगठन के रूप में स्थापित करेगी।
इस योजना के चार प्रमुख उद्देश्य हैं। सबसे पहले यू.पी.सी.एल. की वित्तीय स्थिति को स्थिर और मजबूत करना है, जो इसके लगभग 5,000 करोड रूपये के बकाया को कम करने और पिछले छह वर्षों में हुए लगातार घाटे को समाप्त करने पर केन्द्रित है। दूसरा उद्देश्य वित्तरण और ट्रांसमिशन नुकसान को कम करना है, जो वर्तमान में हरिद्वार और उधमसिंह नगर जैसे क्षेत्रों में उच्चतर स्तर पर है। इसमें ऊर्जा दक्षता बढ़ाने और बुनियादी ढाँचे के उन्नयन से हानियों में कमी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। तीसरा उपभोक्ताओं को बेहतर बनाना है, ताकि उपभोक्ता, संतोष में वृद्धि और संग्रह दक्षता में सुधार हो सके। अंत में हरित ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देना, जिससे लागत प्रभावी और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा समाधान प्राप्त हो सके। ये सभी उद्देश्य यू.पी.सी.एल. को उनके ऊर्जा क्षेत्र का एक विश्वसनीय और कुशल स्तंभ बनाने में सहायक होंगे।
02- मुख्यमंत्री राहत कोष नियमावली-2013 के नियम सं0-6 के उपनियम-4 में संशोधन किये जाने के सम्बन्ध में कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय।
मुख्यमंत्री राहत कोष नियमावली-2013 के नियम सं०-6 के उपनियम-4 जिसमें मुख्यमंत्री राहत कोष में प्राप्त धनराशि इस निमित्त खोले गये राष्ट्रीयकृत बैंक के खातों में जमा किये जाने का प्राविधान है, में संशोधन करते हुए राष्ट्रीयकृत बैंक के स्थान पर अनुसूचित वाणिज्य बैंक किया गया है। उक्त संशोधन करने पर मुख्यमंत्री राहत कोष जिसका वित्त पोषण दान के रूप में प्राप्त धनराशि से किया जाता है, में प्राप्त धनराशि जिसका तात्कालिक उपयोग न हो. को प्रतिस्पर्धी सौदे सुनिश्चित करते हुए कैपेबल फिक्स डिपोजिट के रूप में विनियोजित कर अधिकतम ब्याज प्राप्त किया जा सके। इस निर्णय को कैबिनेट द्वारा मंजूरी प्रदान की गई।
03- उत्तराखण्ड कुक्कुट विकास नीति-2025 को दी गई मंजूरी।
राज्य में 15444 लाख अण्डों एवं 395 लाख कि०ग्रा० पोल्ट्री मीट की प्रतिवर्ष कमी को, दूर करने के लिए उत्तराखण्ड कुक्कुट विकास नीति-2025 प्रस्तावित है। वर्ष 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में कुछ निवेशकों द्वारा राज्य में पोल्ट्री सेक्टर में निवेश करने की इच्छा जतायी गयी। उद्यमिता को बढ़ावा देने और राज्य को पोल्ट्री क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए उक्त नीति में पोल्ट्री आधारित इकाईयों के विकास को प्रोत्साहित किया गया है। इस नीति में कॉमर्शियल लेयर फार्म एवं बॉयलर पैरेंट फार्म की स्थापना की जानी है। जिसे कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई है।
उक्त नीतिं से राज्य में लगभग रू0 85 करोड़ का निजी निवेश प्राप्त होगा। कुल रू0 29.09 करोड का अनुदान प्रस्तावित है। उक्त नीति अगले 05 वर्ष तक के लिए प्रस्तावित होगी। प्राथमिकता के आधार पर स्थानीय निवासियों को रोजगार दिया जाना प्रस्तावित है। उक्त नीति को प्रख्यापित किये