Thursday, February 6, 2025
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उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेजऔर सिद्धार्थ ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशनने संयुक्त रूप से 10th नेशनल वर्कशॉप ऑन थैरेपीयूटिक एप्लीकेशन ऑफ योग का आयोजन किया गया I

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Vijaya Dimri
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Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में निरामया योगम रिसर्च फाउंडेशन अवधूत मंडल हरिद्वार,उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेजऔर सिद्धार्थ ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशनने संयुक्त रूप से 10th नेशनल वर्कशॉप ऑन थैरेपीयूटिक एप्लीकेशन ऑफ योग का आयोजन किया गया  जिसमें 100 छात्र छात्राओं ने भाग लिया इस अवसर पर मुख्य अतिथिप्रोफेसर अरुण कुमार त्रिपाठीकुलपति उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय देहरादूनने कहा यौगिक जीवन शैली में आने को ऐसी पद्धतियां शामिल है जिनका उपयोग आज हम विभिन्न रोगों और समस्याओं की समाधान के लिएकर रहे हैं योग जीवन शैली में शामिल आसन प्राणायाम ज्ञान यज्ञ प्रनिक हीलिंग एक्यूप्रेशर आज आधुनिक समय में विभिन्न थेरेपी के रूप में उपयोग किया जा रहा है प्राणिक हीलिंग के द्वारा सूक्ष्म चक्र के नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जा रहा है तो पंचकर्म थेरेपी के महत्व को बताते हुए कहा कि इसके द्वारा सभी शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रख सकते हैं।आज शारीरिक स्वास्थ्य से ज्यादा मानसिक स्वास्थ्य को लेकर लोग चिंतित है ऐसी स्थिति में प्रनिक हीलिंग एवं पंचकर्म का ज्ञान सभी के लिए जरूरी है।

विशिष्ट अतिथि महामंडलेश्वर स्वामी संतोषlआनंद ने कहा कि हजारों वर्षों की विद्या योग और आयुर्वेद अब विश्व पटल पर स्थापित हो चुका हैl
हमें इसे अपनी दैनिक जीवन में स्थापित करना हैऔर योग और आयुर्वेद से स्वास्थ्य को बनाए रखना है।

योगाचार्य डॉ उर्मिला पांडे कार्यक्रम की मुख्य संयोजक एवं निरामया योगम की डायरेक्टर ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर आभार व्यक्त किया।

डॉ पांडे ने कहा कि प्राणी हीलिंग एवं प्राणी मेडिटेशन वह आध्यात्मिक विद्या है जिसके द्वारा हमारे सूक्ष्म शरीर के चक्र जो हमारे शक्ति के केंद्र हैं ,के नकारात्मक ऊर्जा को दूर किया जाता हैl हम सभी का आभामंडल है (औरा) जो विभिन्न चक्र की स्वच्छता को दर्शाता है ।
रोग होने की दशा में यह काम हो जाता है क्योंकि बीमारियों में हमारा सूक्ष्म शरीर पहले प्रभावित होता है।हम प्राणिक थेरेपी के द्वारा स्कैनिंग करके इसे पहले से जान लेते हैं तो रोगों को रोका जा सकता है।प्राणिक हीलिंग के माध्यम से चक्र पर प्राणिक ऊर्जा को स्थापित किया जाता है।कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अक्षय गौर ने और धन्यवाद ज्ञापन डायरेक्टर डॉक्टर डीके त्यागी ने किया।इस अवसर पर डॉ विशाल शर्मा, डॉ विजय ,डॉ राधा ,डॉ मीनाक्षी ,डॉ प्रतिभा ,डॉक्टर दीपा आदि उपस्थित रहे।

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