Thursday, November 21, 2024
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सीएम पुष्कर सिंह धामी की पहल पर देहरादून में संचालित की जा रही है हाईटेक ड्रग्स, मेडिकल डिवाइस एंड कास्मेटिक लैब

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Vijaya Dimri
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Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com
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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देशों पर प्रदेश खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने औषधि, मेडिकल उपकरण और कास्मेटिक सैंपलों की जांच के लिए देहरादून में एक हाईटेक लैब संचालित की जा रही है। इस लैब में औषधि, मेडिकल उपकरण और कास्मेटिक सैंपलों की जांच अत्याधुनिक मशीनों हो रही है। लैब में आनलाइन सर्टिफिकेशन की सुविधा है। आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग डॉ. आर राजेश कुमार का कहना है कि लैब को जल्द ही राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) से भी मान्यता मिलने की संभावना है। इसके बाद लैब टेस्टिंग की रिपोर्ट पूरे विश्व में मान्य हो जाएगी। आयुक्त डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि लैब खुलने से औषधि, मेडिकल उपकरण और कास्मेटिक सैंपलों की जांचों में तेजी आएगी तथा नकली और मिलावटी उत्पाद निर्मित करने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

केन्द्र के सहयोग से 7 करोड़ की लागत से बनी लैब
देहरादून के सहस्रधारा रोड डांडा लखौण्ड में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन परिसर में हाईटैक लैब तैयार की गयी है। इस लैब का निर्माण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा निर्देशन में किया गया । ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि भारत सरकार के सहयोग से लगभग सात करोड़ की लागत से निर्मित इस लैब में फार्मा और इंजेक्टेबल मेडिकल डिवाइस की टेस्टिंग की जाती है। इसके अलावा सौंदर्य प्रसाधनों की जांच भी की जाती है। लैब में एचपीएलसी, यूवी/विजुअल फोटो, एफटीआईआर, जीसीएचएस जैसी अत्याधुनिक मशीनों से जांच होती है जिनकी एक्यूरेसी अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होती है।

जांच रिपोर्ट पूरे देश में मान्य
ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी का कहना है कि लैब में भारत में निर्मित होने वाले सभी संबंधित उत्पादों की जांच की जाती है। अत्याधुनिक मशीनों की जांच सटीक रही हैं और पूरे देश में मान्य हैं। उनके अनुसार रुद्रपुर लैब में अब तक जांच का बोझ रहता था लेकिन अब इस लैब के खुलने से यहां जांचों में तेजी आएगी। गौरतलब है कि खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन लगातार प्रदेश में मिलावट खोरों और नकली उत्पाद बेचने वालों के खिलाफ अभियान चला रहा है। प्रदेश में खाद्य लाइसेंस की आड़ में किये जा रहे नकली दवाओं के उत्पादन और विपणन को रोकने के लिए विभाग हरसंभव कोशिश कर रहा है।

लैब में अब तक हुई 2 हजार जांच
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन की हाईटैक लैब में अब तक 2000 से अधिक जांच हो गयी हैं। यहां पांच प्रयोगशालाएं बनाई गयी हैं। इनमें रसायन परीक्षण लैब, मानइर, मेजर, कास्मेटिक और माइक्रो बायोलॉजी लैब हैं। इस लैब में ड्रग्स, टेबलेट, कप सिरप मसलन ओरल लिक्विड, मेडिकल डिवाइस और कास्मेटिक उत्पादों के सैपंलिंग की जांच की जाती है। लैब की क्षमता 3000 सैंपलिंग की है।

सौंदर्य प्रसाधनों की जांच पर विशेष फोकस
ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि यह लैब रुद्रपुर के बाद दूसरी लैब है। रुद्रपुर लैब में ड्रग्स सैंपलिंग की महज एक हजार टेस्टिंग की क्षमता है। उल्लेखनीय है कि सौंदर्य प्रसाधनों को लेकर महिलाओं में विशेष आर्कषण होता है। बाजार में बढ़ती मांग को देखते हुए कुछ असामाजिक तत्व नकली या मिलावटी सौंदर्य उत्पाद निर्मित कर बेचने का प्रयास करते हैं। विभाग ऐसे नकली उत्पाद निर्माण में जुटी कंपनियों के खिलाफ अंकुश लगाने में जुटा हुआ है।

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