मुम्बई:- लम्बी बीमारी के चलते दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्राप्त अभिनेता दिलीप कुमार साहब का आज प्रातः 7:30 बजे मुम्बई के हिन्दुजा अस्पताल में निधन हो गया। दिलीप साहब का विवाह अभिनेत्री शायरा बानो के साथ हुआ था।
दिलीप कुमार का जन्म पेशावर में 11 दिसंबर 1922 को हुआ. उनके पिता का नाम लाला गुलाम सरावर खान और मां का नाम आयशा बेगम था. उनके कुल 12 भाई-बहन हैं. उनके पिता फल बेचने थे. युसूफ खान ने देवलाली में स्कूलिंग की. वो राज कपूर के साथ बड़े हुए जो उनके पड़ोसी भी थे. बाद में दोनों ने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई.।
दिलीप कुमार के पारिवारिक मित्र फैजल फारुखी ने आज ट्विटर से उनके निधन की जानकारी दी. उन्होंने लिखा- बहुत भारी दिल से ये कहना पड़ रहा है कि अब दिलीप साब हमारे बीच नहीं रहे.।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी दिलीप साहब के निधन पर शोक व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ”दिलीप कुमार जी को एक सिनेमाई किंवदंती के रूप में याद किया जाएगा. उन्हें अद्वितीय प्रतिभा का आशीर्वाद प्राप्त था, जिसके कारण पीढ़ियों के दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए थे. उनका जाना हमारी सांस्कृतिक दुनिया के लिए एक क्षति है. उनके परिवार, दोस्तों और असंख्य प्रशंसकों के प्रति संवेदना. श्रद्धांजलि.”
प्रधानमंत्री मोदी ने दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो से फोन पर बात की और उन्हें सांत्वना प्रदान की।
दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान था। दिलीप कुमार के चाहने वाले केवल हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी मौजूद हैं। हालांकि दिलीप कुमार ने कभी पाकिस्तान का पक्ष नहीं लिया। उनके दिल में हमेशा हिंदुस्तान ही बसता था। इसीलिए पाकिस्तान का सम्मान निशान-ए-इम्तियाज पाने के बावजूद एक बार दिलीप कुमार ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की भी क्लास लगा दी थी।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी दिलीप कुमार के फैन थे। जब पाकिस्तान ने दिलीप साहब को निशान-ए-इम्तियाज देने का फैसला किया तो इसका भारत में कुछ लोगों ने विरोध किया था। लोगों ने दिलीप कुमार की भी इसके लिए आलोचना की थी। मगर तब दिलीप कुमार ने भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से सलाह मांगी कि उन्हें यह सम्मान लेना चाहिए या नहीं? इसके जवाब में वाजपेयी ने कहा कि यह सम्मान जरूर लिया जाना चाहिए क्योंकि दिलीप कुमार एक कलाकार हैं और कलाकार के लिए किसी देश की सीमा और राजनीति कोई मायने नहीं रखती है।दिलीप साहब के निधन पर राष्ट्रपति, रक्षा मंत्री समेत कई विशिष्ट गणमान्य व्यक्तियों ने शोक प्रकट किया।
फ़िल्म जगत से अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र,नसीरूद्दीन शाह, सुभाष घई आदि ने दिलीप साहब के साथ गुजारे अपने गुजरे लम्हो को याद करते हुए उनको श्रधांजलि दी।