10 घंटे तक कड़ी मशक्कत करने के बाद आखिरकार वन कर्मियों ने गुलदार को पकड़ लिया। गुलदार को पकड़ने के लिए जो तरकीब अपनाई गई है ,वह कुछ अटपटी लगती है ।परंतु वन विभाग के अफसरों ने कहा कि वह एक छोटे स्थान पर झाड़ियों में बार-बार छुप कर बैठा था। जहां से उसको बाहर निकालने के लिए इस तरह की तरकीब का इस्तेमाल करना पड़ा।
सुबह जब गुलदार स्कूल के बाउंड्री वॉल फांद कर अनेक लोगों को घायल करता हुआ एक फॉर्म हाउस में घुस गया तो उसे वन विभाग के कर्मियों और पुलिस ने वही घेर लिया। ।हालांकि आम जनता ने भी भारी भीड़ के बीच खूब हल्ला किया और वन विभाग ने भी ड्रोन की मदद से उसे ट्रेस करने की कोशिश की । परंतु गुलदार झाड़ियों से निकलकर हमला कर बार-बार झाड़ी में छुप जाता था । अंततः शाम को वन विभाग द्वारा एक तरकीब निकाली गई की झाड़ियों में डिस्टरबेंस पैदा कर गुलदार को बाहर लाने की कोशिश की जाए ।लाठी-डंडों की सहायता से झाड़ियों में दबिश दी गई जिससे गुलदार घबराकर बाहर निकाल निकल आया क्योंकि वह झाड़ी में ट्रेंकुलाइज नहीं हो पा रहा था। अतः बाहर आते ही वन कर्मियों ने उस पर लगातार डंडों से प्रहार किया और उसको ट्रेंकुलाइज कर चैन की सांस ली ।
वन विभाग के अधिकारी आकाश वर्मा के अनुसार वन विभाग के कारण कई कर्मचारियों को घायल किया ,परंतु वह सब मामूली खरोंच हैं ।उनमें से कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है । गुलदार को पकड़ने के पश्चात उसे मालसी डियर पार्क डॉक्टरों की देखरेख में ले जाया गया । पशु चिकित्सकों की देखरेख में मालसी डियर पार्क में रात 8:30 बजे के बाद उसे होश आने लगा। उन्होंने बताया कि वह गुलदार नर है जो कि लगभग 8 वर्ष का है ।
आमतौर पर गुलदार आबादी के आस पास नहीं जाते हैं उन्होंने कहा कि इस तरह गुलदार की आबादी में घुस जाने को लेकर आइंदा से सतर्कता बरती जाएगी, जिससे कि आम लोगों को परेशानी ना हो ।क्षेत्र में और सोशल मीडिया से लेकर स्थानीय लोगों में गुलदार की चर्चा रही और एक गुलदार के पीछे सैकड़ों की भीड़ पड़ी रही, जबकि ऐसे ऑपरेशन के दौरान लोगों की भारी भीड़ चिंता बढानेवाली थी।