देहरादून I ‘‘नशामुक्ति भारत अभियान का बेहतर तरीके से इम्पिलमैन्टेशन करें’’ यह निर्देश जिलाधिकारी डाॅ आर राजेश कुमार ने नशामुक्ति भारत अभियान की जिला स्तरीय समिति की बैठक में सम्बन्धित विभागों को दिए। जिलाधिकारी ने सभी विभागों को संयुक्त तरीके से नशामुक्ति के सम्बन्ध में कार्य करने तथा अपने-अपने स्तर पर हर संभव बेहतर प्रयासों के द्वारा नशामुक्ति पर सम्पूर्ण नियंत्रण लगाने को निर्देशित किया। उन्होंने बैठक में निर्देशित किया कि क्यूआरटी का गठन सुनिश्चत करें तथा सीएमओ कार्यालय में हेल्पलाइन बनाते हुए इस मोबाइल एवं लैडलाइन से जोड़े ताकि नशामुक्ति का अभियान तेजी से चलाकर धूम्रपान से स्कूली बच्चों को निजात दिलायी जा सकें। उन्होनें इस हेल्पलाइन को 24×7 संचालित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला समाज कल्याण अधिकारी को निर्देशित किया कि नेशनल एक्शन प्लान आॅन ड्रग डिमाण्ड रिडक्शन (एनएपीडीडीआर) को इम्लिमैन्ट करने के सम्बन्ध में विभिन्न विभाागें को उनकी भूमिका से सूचित करें और विभागों का इस सम्बन्ध में सभी संभव सहयोग प्राप्त करें। उन्होंने समाज कल्याण विभाग को मुख्य संयोजक की भूमिका निभाते हुए पुलिस विभाग, आईसीडीएस और स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से नशामुक्ति केन्द्रों के संचालन एवं रेगुलेशन के लिए नियमावली तैयार करने के निर्देश दिए। कहा कि नियमावली में नशामुक्ति केन्द्रों के चार्जेज, ट्रीटमेंट इत्यादि का स्पष्ट निर्धारण हो तथा यह भी देखा जाए ये केन्द्र वास्तव में जमीनी स्तर पर कार्य कर भी रहे हैं अथवा नहीं। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को कोरोनेशन चिकित्सालय में एक नशामुक्ति काउन्सिलिंग केन्द्र बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसका तत्काल प्रस्ताव प्रस्तुत करें। उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कोविड-19 की अवधि के पश्चात जब विद्यालय खुलेंगे तो इसको नशामुक्ति के नजरिए से एक अवसर के तौर पर देखें क्योंकि लगभग 01 वर्ष की अवधि तक अपने घरों में रहने के पश्चात जब बच्चे विद्यालय आएंगे तो उनको एक बेहतर नशामुक्त वातावरण प्रदान किया जाए। उन्होेंने विद्यालयों में बच्चों को तथा समय-समय पर अभिभावकों की इस सम्बन्ध में कांउसिलिंग करने तथा नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराया जाए।
जिलाधिकारी ने पुलिस विभाग को निर्देशित किया कि सभी विद्यालयों की 100 मीटर परिधि में किसी भी प्रकार की पान, तम्बाकू, फास्ट-फूड इत्यादि की दुकानों को तत्काल हटायें, साथ ही विद्यालयों के आसपास चलती-फिरती ठेली-दुकानों को भी प्रतिबन्धित करें तथा उन पर कड़ी निगरानी रखें कि कहीं वे नशे से युक्त वस्तुओं की बिक्री तो नहीं कर रहे हैं।
जिलाधिकारी ने समिति के सदस्यों को यह भी निर्देश दिए कि देहरादून शहर के मुख्य परिधि में आउटरीच और ड्राॅप-इन सेन्टर (ओडीआईसी) के लिए साइट का चयन कर लें साथ ही केन्द्र के संचालन इत्यादि के सम्बन्ध में विस्तृत होमवर्क कर लें, ताकि नशे की लत वाले बच्चों को इस केन्द्र पर आवश्यक उपचार, काउन्सिलिंग इत्यादि दी जा सके।
जिलाधिकारी ने नशामुक्ति भारत अभियान के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु पंचायतीराज विभाग को विकासखण्ड स्तर पर व ग्राम पंचायत स्तर की बैठक में भी लोगों को इस सम्बन्ध में अनिवार्य रूप से जागरूक करने, बाल विकास विभाग को आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से तथा सभी विभागों को विभिन्न माध्यमों से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने जनपद में अभियान के प्रचार-प्रसार हेतु 50 मास्टर वाॅलिन्टियर्स का चयन करते हुए युवाओं को इसके साथ भागीदार बनाने को कहा।
इस दौरान बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नितिका खण्डेलवाल, पुलिस अधीक्षक क्राइम सरिता डोभाल, जिला समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पाण्डेय, पंचायतीराज विभाग, शिक्षा विभाग सहित सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
‘‘नशामुक्ति भारत अभियान का बेहतर तरीके से इम्पिलमैन्टेशन करें’’
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