Tuesday, December 10, 2024
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जल संचय एवं जल संरक्षण के लिये व्यापक जन जागरूकता पर विशेष ध्यान देते हुए पारम्परिक चाल खाल के पुनर्जीवीकरण पर भी ध्यान दिया जाय

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Vijaya Dimri
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Editor in Chief of Uttarakhand's popular Hindi news website "Voice of Devbhoomi" (voiceofdevbhoomi.com). Contact voiceofdevbhoomi@gmail.com
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मुख्यमंत्री ने की पेयजल विभाग की समीक्षा।

पेयजल योजनाओं के क्रियान्वयन में सभी सम्बन्धित विभागों का लिया जाय सहयोग।

जल संचय एवं जल संरक्षण के लिये व्यापक जन जागरूकता पर दिया जाय ध्यान।

पारम्परिक धारे, नोले, चाल खाल के पुनर्जीविकरण की भी बनायी जाय योजना।

पेयजल योजनाओं की टेण्डर प्रक्रिया 15 नवम्बर तक की जाय पूर्ण।

ग्रामीण जलापूर्ति व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिये ग्रामीण युवाओं को योजना से जोड़ने के किये जाय प्रयास।

पुरानी पेयजल योजनाओं के संरक्षण एवं हेण्डपंपो आदि की मरम्मत की भी बनायी जाय योजना।

शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता एवं सीवरेज की योजनाओं को पूर्ण करने की बनायी जाय समयबद्ध योजना।

योजनाओं की स्वीकृति सम्बन्धी प्रक्रियाओं का किया जाय सरलीकरण, स्वीकृति जारी करने में निर्धारित की जाय समय सीमा।

देहरादून ।  मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में पेयजल विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने पेयजल योजनाओं के क्रियान्वयन में पेयजल के साथ सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग का भी सहयोग लेने को कहा। उन्होंने कहा कि जल संचय एवं जल संरक्षण के लिये व्यापक जन जागरूकता पर विशेष ध्यान देते हुए पारम्परिक चाल खाल के पुनर्जीवीकरण पर भी ध्यान दिया जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वीकृत योजनाओं की टेण्डर प्रक्रिया 15 नवम्बर तक पूर्ण कर ली जाए ताकि उन पर शीघ्रता से कार्य प्रारम्भ हो सके।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन एवं देख रेख के लिये सम्बन्धित गांव के युवाओं की सेवाएं ली जाए। इससे युवाओं को रोजगार उपलब्ध होने के साथ ही उनकी तकनीकि दक्षता भी बढ़ेगी। उन्होंने ऐसे युवाओं की शैक्षिक दक्षता बढ़ाने के लिये शिक्षा विभाग से समन्वय बनाये जाने को कहा।
मुख्यमंत्री ने शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता के साथ सीवरेज ट्रीटमेंट से सम्बन्धित योजनाओं को समयबद्धता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने पुरानी पेयजल योजनाओं, हेण्डपंपों आदि की मरम्मत तथा मोटरों की इनर्जी आडिट आदि कराये जाने की भी योजना बनाने को कहा। उन्होंने हर गांव में वाटर टैंक तथा प्राकृतिक जल स्रोतों की स्टडी किये जाने के भी निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि जहां भी पानी की लाइन बिछाई जा चुकी है। वहां पानी की सुविधा उपलब्ध हो जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों मे एक सप्ताह मे तथा शहरी क्षेत्रों मे 1 रूपये पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराना राज्य सरकार द्वारा जनहित में लिया गया महत्वपूर्ण निर्णय है।
सचिव पेयजल श्री नीतेश झा ने व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में जलजीवन मिशन, नमामिगंगे तथा अमृत योजना के तहत संचालित कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के 15.18 लाख घरों में से 7.05 घरों को तथा शहरी क्षेत्रों में 11.65 घरों के विपरीत 5.58 लाख घरों को पेयजल योजना से जोड़ा जा चुका है जबकि शहरी क्षेत्रों में 11.65 लाख के विपरीत 3.26 लाख घरो को सीवरेज से जोडा गया है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 55 लीटर तथा शहरी क्षेत्रों में 135 लीटर प्रति घर पानी उपलब्ध कराये जाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 96 प्रतिशत स्कूलों को पेयजल योजना से जोडा गया है। प्रदेश के सभी घरों को दिसम्बर, 2022 तक पेयजल योजना से जोड दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि जनवरी तक मसूरी पंपिंग पेयजल योजना पूर्ण कर ली जायेगी।
बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री बिशन सिंह चुफाल, प्रमुख सचिव डॉ0 एस.एस.सन्धू, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द वर्द्धन, सचिव श्री शैलेश बगोली, अपर सचिव श्री नितिन भदौरिया, डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, श्री उदयराज सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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